भारत और अमेरिका (India America bilateral meeting) रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने तथा व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने रणनीतिक सहयोग को और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद (Pakistan Terrorism) के बारे में बात की. उन्होंने कहा, 'हम समझते हैं और पाकिस्तान से होने वाले आतंकवाद के बारे में भारत की चिंताएं सही हैं और हम उन्हें आश्वस्त करते हैं कि हम इन्हें ध्यान में रखेंगे.'पोम्पिओ ने कहा, 'हम आतंकवाद (Terrorism) के खतरे पर अमेरिकी लोगों की रक्षा के लिए दृढ़संकल्प हैं, और हम भारत के लोगों की रक्षा के लिए भारतीयों की तरह अपने महान लोकतांत्रिक दोस्तों के साथ काम करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं और हम इस पर काम करना जारी रखेंगे.' उन्होंने कहा,'आज की यह वार्ता इस पूरे साल हुई प्रगति पर आधारित है. हमने अंतरिक्ष में खोज, रक्षा तथा औद्योगिक समन्वय जैसे क्षेत्रों में नए समझौते किए हैं.'
इसके साथ ही दोनों देशों ने शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए समान समझ वाले देशों के साथ काम करने की भी सहमति व्यक्त की है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ऐतिहासिक महाभियोग वोट के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच बुधवार को विदेश विभाग में हुई दूसरी 'टू प्लस टू' वार्ता में ये निर्णय लिए गए. भारत और अमेरिका के बीच पहले 'टू प्लस टू' वार्ता पिछले वर्ष सितम्बर में नई दिल्ली में आयोजित हुई थी.
जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमारे सहयोग का लक्ष्य स्वतंत्र, खुले, समग्र, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देना है.'उन्होंने कहा, 'हमने विदेश नीति और रक्षा के दृष्टिकोण से सभी क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की और नई प्राथमिकताओं को रेखांकित किया.''टू प्लस टू' वार्ता के दूसरे संस्करण के दौरान भारत और अमेरिका अपने रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर सहमत हुए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मजबूत भारत-अमेरिका रक्षा संबंध रणनीतिक द्विपक्षीय साझेदारी का एक अभिन्न अंग है.
राजनाथ ने टू प्लस टू वार्ता को 'सार्थक और सफल' करार दिया
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, 'भारत और अमेरिका स्वतंत्र, निर्बाध और शांतिपूर्ण हिंद प्रशांत का दृष्टिकोण रखते हैं और हमें लगता है कि यह भारत को अमेरिका के साथ मिल कर काम करने का अवसर प्रदान करता है.' विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका ने चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा की. इनमें एफएटीएफ में साथ मिल कर काम करना शामिल है. उन्होंने भारतीय एच -1बी वीजा धारकों की समस्याओं को भी उठाते हुए कहा, 'स्वतंत्र एवं बिना भेदभाव के लोगों की आवाजाही ने संबंधों को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है.'जयशंकर ने बताया कि बैठक के दौरान जिन अहम मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल है. उन्होंने कहा, 'हमारे सहयोग का लक्ष्य स्वतंत्र, खुले, समग्र, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देना है.'