कोरोनावायरस के चलते धर्मशाला के सिद्धपुर स्थित ग्यूतो मोनेस्ट्री एक महीने के लिए बंद कर दी है। पांवटा साहिब में होली मोहल्ला मेले में इस बार सांस्कृतिक संध्याएं और दंगल नहीं होगा। हालांकि मैड़ी और सुजानपुर होली मेलों में संध्याओं पर रोक नहीं लगी है। उधर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में कोरोनावायरस के टेस्ट करवाने के लिए व्यवस्था करवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। अगर केंद्र ने किट उपलब्ध करवा दीं तो यहां टेस्ट हो सकते हैं।
उधर धर्मशाला स्थित ग्यूतो मठ प्रबंधन ने फैसला लिया है कि कोई भी पर्यटक और बौद्ध अनुयायी एक माह तक यहां नहीं आ पाएगा। यहां करमापा लामा उग्येन त्रिनले दोरजे का मठ है। यहां तंत्र-मंत्र की शिक्षा-दीक्षा दी जाती है। पीएचडी स्तर की डिग्रियां करवाई जाती हैं। बता दें कि पिछले दो सालों से करमापा अमेरिका में रह रहे हैं। मठ प्रबंधन ने गेट पर पोस्टर चस्पां कर इसकी जानकारी दी है। यहां रोजाना सैकड़ों बौद्ध भिक्षु और सैलानी दुनिया भर से पहुंचते हैं।
उधर धर्मशाला स्थित ग्यूतो मठ प्रबंधन ने फैसला लिया है कि कोई भी पर्यटक और बौद्ध अनुयायी एक माह तक यहां नहीं आ पाएगा। यहां करमापा लामा उग्येन त्रिनले दोरजे का मठ है। यहां तंत्र-मंत्र की शिक्षा-दीक्षा दी जाती है। पीएचडी स्तर की डिग्रियां करवाई जाती हैं। बता दें कि पिछले दो सालों से करमापा अमेरिका में रह रहे हैं। मठ प्रबंधन ने गेट पर पोस्टर चस्पां कर इसकी जानकारी दी है। यहां रोजाना सैकड़ों बौद्ध भिक्षु और सैलानी दुनिया भर से पहुंचते हैं।
दूसरी ओर गुरु की नगरी पांवटा साहिब के ऐतिहासिक होली मोहल्ला मेले में इस बार 12 और 13 मार्च को होने वाली सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन नहीं होगा। 17 मार्च को होने वाले ऐतिहासिक दंगल को भी रद्द कर दिया गया है। रविवार को एसडीएम पांवटा एलआर वर्मा की अध्यक्षता में हुई मेला कमेटी की बैठक में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत यह फैसला लिया।
दूसरी ओर हमीरपुर के सुजानपुर होली मेले में दो दिन से सांस्कृतिक संध्याएं हो रही हैं। ऊना के मैड़ी में भी बाबा बड़भाग सिंह होली मेले में रोजाना हजारों की संख्या में पंजाब और बाहरी राज्यों से लोग पहुंच रहे हैं। यहां कोई रोक नहीं लगी है। पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब से मात्र 10 किमी की दूरी पर बिलासपुर स्थित गुरुद्वारा गुरु का लाहौर में इटली समेत विदेशों से दल यहां पहुंच रहे हैं।